लोग हर बार यही पुछते है तुमने उसमें देखा क्या
मैं हर बार यही कहती हूं बेवजह होती है मोहब्बत
नजर अंदाज करने की वजह कुछ तो बताते तुम
अब मैं कहा कहा खुद की बुराइया ढूँढू
वाह वाह बोलने की आदत डाल लो दोस्तों
मै मोहब्बत में अपनी बरबादियां लिखने वाला हुं
मत फेर निगाँहे कम्बख़त हमें देख कर
खुद भी रो पड़ेगा हमरे प्यार की तौहीन होती देख कर
er kasz
हवा से कह दो कि खुद को आजमा के दिखाये बहुत
चिराग बुझाती है एक जला के दिखाये
शायद कोई ख्वाहिश रोती रहती है
मेरे अन्दर बारिश होती रहती है
देख ली मैने भी खुदाई तुझे पाकर
तेरे संग ज़िंदगी का हर लम्हा अच्छा है
लफ्जो में कुछ यू उलझा हु में
कहीं कंही से हर चेहरा तुम जैसा लगता है
दिल सुलगता है तो धुआं क्यों नहीं उठता
क्यों वो आग अक्सर आसुओं में बह जाती है
मत पूछ कैसे गुजरे दिन, कैसी बीती रातें
बहुत तनहा जिये हैं हम तुझसे बिछड़ने के बाद..
हो सके तो मुड़ के देख लेना, जाते जाते
तेरे आने के भ्रम में ज़िन्दगी गुज़ार लेंगे
Ho Sake To Thoda Pyar Jata de
Sukhi Padi KI IS Zamin ko Bhiga De
मिल रहे हो ना खो रहे हो तुम
दिन ब दिन बेहद दिलचस्प हो रहे हो तुम
यु तो हम लिखने मे माहिर है मगर
तेरे अल्फाज न हो शामील तो शायरी अधुरी रह जाती है
आज शायरी नही बस इतना सुन लो
मैं तन्हा हूँ और वजह तुम हो
वो लौट आयी मेरी ज़िंदगी में अपने मतलब के लिये
और मैं ये सोंचता रहा कि मेरी दुआओं में दम था
हाथ की लकीरें पढने वाले ने तो मेरे होश ही उड़ा दिये
मेरा हाथ देख कर बोला तुझे मौत नहीं किसी की चाहत मारेगी
er kasz
आईने के सामने खड़े होकर खुद से माफ़ी मांग ली मैंने
सबसे जायदा खुद का दिल दुःखाया है दुसरो को खुश करने मे
अगर किसी दिन रोना आये,
तो कॉल करना,
हसाने की गारंटी नही देता हूँ,
पर तेरे साथ रोऊंगा जरुर
ये ना पूछ के शिकायतें कितनी हैं तुम से,
तू बता के तेरा कोई और सितम बाक़ी तो नही .