कहाँ तलाश करोगे तुम मुझ जैसे एक शख्स को
जो तुम्हारे सितम भी सहे और तुम से मोहब्बत भी करे
प्यार जिंदगी है मगर सच्चा प्यार कहाँ मिलता है
इस मतलबी जहां में सच्चा दिलदार कहाँ मिलता है
किसी रोज फुर्सत मिले तो आना हमारी महफ़िल में
हम शायरी नहीं दर्द ए इश्क़ सुनाते हैं
में यह नहीं कहता के मेरी खबर पुछो तुम
खुद किस हाल में हो इतना तो बता दिया करो
किस किस को बताएँगे जुदाई का सबब हम
तू मुझ से खफा है तो ज़माने के लिये आ
देख इतना कि नज़र लग ही जाये मुझे
अच्छा लगता है तेरी नज़र से मर जाना
जिंदगी तो उसकी है जिसकी मौत पे जमाना अफसोस करे
वरना जनम तो हर किसी का मरने के लिए ही होता है
दिल तो तब खुश हुवा मेरा जब उसने कहा
तुम्हे छोड़ सकती हु माँ बाप को नहीं
मेरे अल्फ़ाज़ तो चुरा लोगे
वो दर्द कहाँ से लाओगे
कोई पूछता है मुझसे जब मेरी जिंदगी की कीमत
मुझे याद आ जाता है तेरा हल्का सा मुस्कुराना
तुम्ही आकर थाम लो ना मुझे
सब ने छोड़ दिया है मुझे तेरा समझकर
ना जाने क्यों मुझे लोग मतलबी कहते है
एक तेरे सिवा दुनियां से मतलब नहीं मुझे
ना करवटे थी, ना बैचेनियाँ थी..
क्या गज़ब की नींद थी मोहब्बत से पहले.
Chala ata hai tera aks khayalon me mery,
Tujh ko na sahi teri rooh ko mahobbat he mujhse.
Jb tu tha jindgi me to ji rha tha me
Ab jinda to hu pr jindgi nhi hai
ऐसा नहीं कि दिल में तेरी तस्वीर नहीं थी
पर हाथो में तेरे नाम की लकीर नहीं थी
मोहब्बत के बाद मोहब्बत मुमकिन हे
पर टूट के चाहना सिर्फ एक बार होता हे
एक ख़त कमीज़ में उसके नाम का क्या रखा
क़रीब से गुज़रा हर शख़्श पूछता है कौन सा इत्र है जनाब
मुस्कुरा देता हूँ अक्सर देखकर पुराने खत तेरे,
तू झूठ भी कितनी सच्चाई से लिखती थी...!
रूलाने मे अकसर उन्ही का हाथ होता है
जो कहते है तुम हसते हुए बहुत अच्छे लगते हो