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बदलता तो इंसान है

वक़्त तो सिर्फ एक बहाना है

सुना है आग लग गयी है बेवफाओ की बस्ती में

या खुदा मेरे मेहबूब की खैर रखना

Beauty doesnt last forever

but a beautiful personality does

किसी ने आज पूछा हमसे कहाँ से लाते हो ये शायरी

मैं मुस्करा के बोला उसके ख्यालो मे डूब कर

अमीर होता तो बाज़ार से खरीद लाता नकली

गरीब हूँ इसलीये दिल असली दे रहा हु

मुकद्दर में लिखा के लाये हैं दर-ब-दर भटकना

मौसम कोई भी हो परिंदे परेशान ही रहते हैं

er kasz

हवा से कह दो कि खुद को आजमा के दिखाये बहुत

चिराग बुझाती है एक जला के दिखाये

तेरे बिना मैं ये दुनिया छोड तो दूं पर उस माँ दिल कैसे दुखा दुं

जो रोज दरवाजे पर खडी कहती है “बेटा घर जल्दी आ जाना “

तेरे गुरुर को देखकर तेरी तमन्ना भी छोड दी हमने

जरा हम भी तो देखे कौन चाहता है तुझे मेरी तरह

er kasz

Mere halaat dekh kar mohobbat bhi sharminda hai

Ye jo shaks sab kuch gawa chuka aaj bhi zinda hai

er kasz

झूठ बोलता होगा कभी चाँद भी

इसलिए तो रुठकर तारे टूट जाते हैं

दिल दिया है तो दिल मिला भी होगा किसी से

क्यों इश्क में हिसाब किए फिरते हो

Uth Na jaye Aitbaar Kahin Zamany Ka

Ay Muhabbat Kisi Ko To Rasssss Aa

गुज़र गया वो वक़्त जब हम तुम्हारे तलबगार हुआ करते थे.
अब ज़िन्दगी भी बन जाओ तो क़ुबूल नहीं करेंगे.

ये किस मिट्टी के बने लोग हैं ऐ मेरे परवरदिगार

जो कभी मेरे एक आँसु से तड़प उठते थे आज साथ छोड़ने कि बात करते हैं.....

बहुत रोई होगी वो खाली कागज देखकर

खत मे पूँछा था उसने जिंदगी कैसे बीत रही है

अपनी जवानी में और रखा ही क्या है कुछ तस्वीरें यार

की बाकी बोतलें शराब की

हजारों चेहरों में एक तुम ही पर मर मिटे थे..
वरना..
ना चाहतों की कमी थी और ना चाहने वालों की..!

दुश्मन भी दुआ देते हैं मेरी फितरत ऐसी है

दोस्त ही दगा देते हैं मेरी किस्मत ऐसी है

er kasz

सस्ता सा कोई इलाज़ बता दो इस मुहोब्बत का

एक गरीब इश्क़ कर बैठा है इस महंगाई के दौर मैं

er kasz

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