Bewaqt Bewajha Besabab Si Berukhi Teri
Or Fir Bhi Tujhe Beinteha Chahne Ki Bebasi Meri
वो मुझसे दूर रहकर अगर खुश है तो खूश रहने दो उसे
मुझे वैसे भी उसकी चाहत से ज़्यादा मुस्कुराहटपसंद है
er kasz
अजीब रंग मे गुजरी है जिन्दगी अपनी
दिलो पर राज किया और मोहब्बत को तरसे
अजीब पैमाना है यहाँ शायरी की परख का
जिसका जितना दर्द बुरा शायरी उतनी ही अच्छी
हमने तो आंसूओं की रो रो झड़ी लगाई
उस बेवफा ने घुमकर छाता लगा लिया
मेरे अल्फ़ाज़ों को इतनी शिद्दत से ना पढ़ा करो
कुछ याद रह गया तो हमें नही भूल पाओगे
er kasz
मेरे सब्र का इंतेहा क्या पूछते हो.
वो मुझ से लिपट कर रोई भी तो किसी और के लिए.
किसके हैं हम बस तुम्हारे ही तो हैं
उन के ये अल्फाज़ झूठे तो थे मगर ग़ज़ब के थे
Bahut yaad aati hai uss bewaffa ki yaaro
Dua kro meri yaadash chli jaye
er kasz
Mere dard ki tu intha na puch
Dard bhi hairan hai Ab dard du to kis bat pe du
er kasz
कौन कहता है के दिल सिर्फ लफ्ज़ो से दुखाया जाता है..
कभी-कभी ख़ामोशी भी तो बड़ी तकलीफ़ देती है...!!
क्या मिलना ऐसे लोगो से जिनकी फितरत छुपी रहे
नकली चेहरा सामने आये और असली सूरत छुपी रहे
लफ़्जो को पिरोने का हुनर सिखा तुम्ही से हमने
हर लफ्ज हम अब सिर्फ तेरे लिए ही लिखते हैं
er kasz
Socha tha aj ki rat Sab ko dard byan krege
Kya Mera dard bedard tha Jo tum apna na sunane chale
er kasz
जहा हर बार अपनी बातो पर सफाई देनी पड़ जाए.
वो रिश्ते कभी गहरे नही होते ..!!
नजर से दूर रह कर भी किसी की सोच में रहना
किसी के पास रहने का तरीका हो तो ऐसा हो
Neend Bhi Nilaam Ho Jaati Hai Baazaar e Ishq Mein
Itna Aasan Nahi Hai Kisi Ko Bhula Kar So Jaana
जो मेरे बूरे वक्त मे मेरे साथ हैं में उन्हें वादा करता हूँ
मेरा अच्छा वक्त सिर्फ उनके लिये होगा
वफ़ादार तुम ख्याल अच्छा है
बेवफ़ा हम इलज़ाम अच्छा है
रात भर चलती रहती है उँगलियाँ मोबाइल पर
किताब सीने पे रखकर सोये हुए एक जमाना हो गया
er kasz