मेरे हिस्से में न आयेगी कभी दिलदार की खुशिया
कुछ सख्स फकत शायरी करने के लिए ही पैदा होते है
Silsila khayalon ka toot ta nahi goya
Zehan ke darichon mein khwab ka basera hai
वक़्त दिखाई नही देता है पर
दिखा बहुत कुछ जाता है
रहता तो नशा तेरी यादों का ही है
कोई पूछे तो कह देता हुँ पी रखी है
वो कहती हैं तुम छोड क्यों नही जाते,इतनी तकलीफ देती हुं तो
मैंने कहा साँस लेने में उलझन आए तो क्या जीना हीं छोड दुं
मिटा दे उसकी तसवीर मेरी आंखौ सै ऐ खुदा
अब तौ वौ मुझै ख्वाबौ मै भी अच्छी नही लगती
तुम तो डर गए एक ही कसम से
हमे तो तुम्हारी कसम देकर हजारो ने लुटा हे
मुद्दतों से,
उसके इंतजार में हूँ यारों...
कही पढ़ लिया था,
कि..
सच्ची मोहब्बत लौटकर आती
है......
जो नासमझ है वो ही मोहब्बत करता है
वो मोहब्बत ही क्या जो समझ में आ जाए
er kasz
तू इक क़दम भी जो मेरी तरफ बढ़ा देता
मैं मंज़िलें तेरी दहलीज़ से मिला देता
मरहम ना सही मेरे जख्मो पर नमक ही लगा दे..
यकिन मानो तेरे छुने से ये ठीक हो जायेंगें..
नसीहतें अच्छी देती है दुनिया
अगर दर्द किसी और का हो
तेरी ज़ुल्फ़ों से जुदाई तो नहीं मांगी थी
क़ैद मांगी थी रिहाई तो नहीं मांगी थी
तुमने मुझे छोड़ कर किसी और का हाथ तो थाम लिया है
मगर ये याद रखना हर शक्स मोहब्बत नहीं करता
ख़ता ये नहीं कि उसने भूला क्यों दिया
सवाल ये है कि वो मुझे अब याद क्यों है
ठान लिया था किअब और नहीं लिखेंगे
पर उन्हें देखा और अल्फ़ाज़ बग़ावत कर बैठे
मत पूछो कैसे गुजरता है हर पल तुम्हारे बिना
कभी बात करने की हसरत कभी देखने की तमन्ना
वो एक मौका तो दे हमे बात करने का.
वादा है
उन्हें भी रुला देंगे उन्ही के सितम सुना -सुना कर...
मेरे चेहरे से कफ़न हटा कर जरा दीदार तो कर लो ऐ जान
बंद हो गई है वो आँख जिन्हे तुम रुलाया करते थे
Ae Ishq Suna Tha Ke Tu Andha Hai
Phir Mere Ghar Ka Raasta Tujhe Kis Ne Bataya