ज़िंदगी मे इससे बढकर रंज क्या होगा
उसका ये कहना की तू शायर है दीवाना नही
यादो में बसा रखा है तेरा प्यार इस कदर मेरी जान
कोई वक़्त भी पूछ ले तो तेरा नाम बताते है
तरस गए हैं तेरे लब से कुछ सुनने को हम.
प्यार की बात न सही कोई शिकायत ही कर दे..
शायरी का बादशाह हुं और कलम मेरी रानी
अल्फाज़ मेरे गुलाम है बाकी रब की महेरबानी
रिश्ता निभाने की बहुत कोशिश की
बस अब हिमत नहीं रही हैं
एहसास बदल जाते हैं बस और कुछ नहीं,
वरना मोहब्बत और नफरत एक ही दिल से होती है.
अधूरेपन का मसला ज़िंदगी भर हल नहीं होता
कहीं आँखें नहीं होतीं, कहीं काजल नहीं होता
मैने किस्मत की लकीरों पर यकीन करना छोड़ दिया है
जब इंसान बदल सकते है तो लकीरे क्यों नहीं
अपना वजूद मत बताओ हमें साहिब
हम झाँक कर दिलों की गहराई जान लेते हैं
देर ना करना हो सके तो वक्त पर लोट आना
वरना सांसकी जगह राख मिलेगी
नज़र-नज़र का फर्क है हुस्न का नहीं
महबूब जिसका भी हो बेमिसाल होता है
तेरी चाहत में तेरी मोहब्बत में तेरी जुदाई में
कोई हर रोज टूटता ह पर आवाज नहीं होती
काश वो भी आकर हम से कह दे मैं भी तन्हाँ हूँ
तेरे बिन, तेरी तरह , तेरी कसम , तेरे लिए
ये तो बड़ा मुझ पर अत्याचार हो गया
खामख्वाह मुझे तुझसे प्यार हो गया
ज़िंदगी मे इससे बढकर रंज क्या होगा
उसका ये कहना की तू शायर है दीवाना नही
हाल तो पुछ लु तेरा, पर डरता हुँ आवाज़ से तेरी
जब जब सुनी है कमबख़्त मोहब्बत ही हुई है
अपनों से अच्छा तो गम है..
साथ ही नहीं छोड़ता
आज किसी ने बातों बातों में जब उन का नाम लिया
दिल ने जैसे एक पल के लिए धडकना छोड दिया
मै रोज खून का दिया जलाऊगां
ऐ इश्क तू एक बार अपनी मजार तो बता
मत करवाना इश्क ए दस्तूर हर किसी को ए ख़ुदा.
हर किसी में जीते जी मरने की ताक़त नहीं होती...