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अरे कितना झुठ बोलते हो तुम

खुश हो और कह रहे हो मोहब्बत भी की है

काश मै लौट पाऊँ बचपन कि उन गलियों में

जन्हा ना कोई ज़रूरी था ना कोई जरूरत

अनकही बातों के ढेर लग जाते है दिल में

रोज मिलकर भी उनसे कुछ कह नही पाते

मेरे तो दर्द भी औरो के काम आते है

मै रो पडु तो कई लोग मुस्कराते है

कहाँ कोई यहाँ आता है कुछ करने के लिए

एक उम्र ज़िंदा रहना पड़ता है मरने के लिए

Hum me to khair himmat hai itna dukh sehne ki

Tum itna dukh dete ho thak to nahi jate

Wo Shakhs 1 Choti Si Bat Pe Yu Rooth Ke Chal Dia..

Jese Use Sadiyo Se Kisi Bahane Ki Talash Thi

नफरत सी हो जाएगी तुम्हे भी इस दुनिया से

मोहब्बत किसी से तुम बेसुमार कर के देखना

न कहा करो हर बार की हम छोङ देंगे तुमको

कयोंकि न हम इतने आम हैं न ये तेरे बस की बात है

मिटा दे उसकी तसवीर मेरी आंखौ सै ऐ खुदा

अब तौ वौ मुझै ख्वाबौ मै भी अच्छी नही लगती

जितना आज़मा सकते हो आज़माओ सब्र मेरा

हम भी देखें हम टूट कर कब तलक बिखरते हैं

er kasz

किसी के वादे पर क्यों एतवार किया हमने

ना आने वालों का क्यों इंतजार किया हमने

मरने का मज़ा तो तब है

जब कातिल भी जनाजे पे आकर रोये

मै रोज खून का दिया जलाऊगां

ऐ इश्क तू एक बार अपनी मजार तो बता

Kadam Ruk Se Gaye Hain Phool Biktey Dekh Kar Woh

Aksar Kaha Krta Tha Muhabbat Phool Jaisi Hai

जिंदगी तो उसकी है जिसकी मौत पे जमाना अफसोस करे

वरना जनम तो हर किसी का मरने के लिए ही होता है

मेरी तङप तो कुछ भी नही है

सुना है उसके दिदार के लिए आईने तरसते है

सस्ता न समझ ये इश्क़ का सौदा पगली

तेरी हँसी के बदले पूरी जिंदगी दे रहा हूँ

ये सोच कर तेरी महफ़िल में चला आया हूँ

तेरी सोहबत में रहूँगा तो संवर जाऊंगा

दफा हो जा ए महोब्बत मेरी ज़िंदगी से

हंसी हंसी में तूने तो मेरी हस्ती ही मिटा डाली

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