हसरत तो थी कि तेरी आँख का आसूँ बन जाऊं
पर तू रोये ये मुझे गँवारा नहीं
Aagaz e Ishq bhi Khub tha Ghalib kya kahun
Pehle to thi dil lagi phr dil ko ja lagi
कभी फूर्सत मे हिसाब करेगे
मेरी वफाऐ ज्यादा थी या तेरे सितम
तेरी ज़ुल्फ़ों से जुदाई तो नहीं मांगी थी
क़ैद मांगी थी रिहाई तो नहीं मांगी थी
Andheri raat mere dil ki bechaini ko kya jaane
Basi hai neend aankho n mein magar soya nahi jaata
कैसे कह दूँ तुमसे हमें मोहब्बत नहीं
मुंह से निकला झूठ एक दिन आँखों से पकड़ा जायेगा
कुछ ऐसा अंदाज था उनकी हर अदा में,
के तस्वीर भी देखूँ उनकी तो खुशी तैर
जाती है चेहरे पे ..❗❗
Aaj Muddat Baad Deedar-E-Yaar Hua Tha
Wohi Galiyan Wohi Raasta Jaha Mujhe Pyar Hua Tha
किसी के वादे पर क्यों एतवार किया हमने
ना आने वालों का क्यों इंतजार किया हमने
अजीब जुल्म करती है तेरी ये यादें
सोचू तो बिखर जाऊ ना सोचू तो किधर जाऊ
यही सोचकर कोई सफाई नहीं दी हमने.
कि इल्जाम झूठे भले हैं पर लगाये तो तुमने हैं
ये रिश्ते भी अजीब होते है बिना विश्वास के शुरू नही होते
और बिना धोखे के खत्म नही होते
कुछ पल के लीये ही मुझे अपनी बाहों में सुला लो
अगर आँख खुली तो उठा देना अगर ना खुली तो दफ़ना देना
कितने बेबस हैं तेरी चाहत में
तुझे खो कर भी अब तक तेरे हैं
तेरे ही वफ़ा के सिलसिले बदल गए हैँ
मुझे तो आज भी तुमसे अज़ीज कोई नहीँ
अगर किसी दिन रोना आये तो कॉल करना
हसाने की गारंटी नही देता हूँ पर तेरे साथ रोऊंगा जरुर
नसीहतें अच्छी देती है दुनिया
अगर दर्द किसी और का हो
अब सफ़र ज़िंदगी का ख़तम ही हुआ समझो
उसकी बातो से जुदाई की महक आती है
रात भर चलती रहती है उँगलियाँ मोबाइल पर
किताब सीने पे रखकर सोये हुए एक जमाना हो गया
er kasz
कोई मुझ से पूछ बैठा बदलना किस को कहते हैं
सोच में पड़ गया हूँ मिसाल किस की दूँ मौसम की या तेरी