उस्ताद ए इश्क सच कहा तूने बहुत नालायक हूँ मै
मुद्दत से इक शख्स को अपना बनाना नही आया
भूल जाना तुम मुझे पर ये याद रखना
तेरी रूह रोयेगी जब कोई मेरा नाम लेगा
तमाम लोग मेरे साथ थे मगर मैं तो
तमाम उम्र तुम्हारी कमी के साथ रहा
Aik Nafrat He Nahi Duniya Mein Dard Ka Sabab
Mohabbat Bhi Sakoon Waloon Ko Bade Takleef Deti Hai
वो तो अपनी एक आदत को भी ना बदल सकी
जाने क्यूँ मैंने उसके लिए अपनी जिंदगी बदल डाली
कभी फूर्सत मे हिसाब करेगे
मेरी वफाऐ ज्यादा थी या तेरे सितम
Bahut kuch badla he mene apne aap me lekin
Tumhe vo toot kar chahne ki aadat ab tak nahi badli
अब सफ़र ज़िंदगी का ख़तम ही हुआ समझो
उसकी बातो से जुदाई की महक आती है
Kaisa Sitam Hai Apka Ye, Ke Rone Bhi Nahi Dete,
Kareeb Aate Nahi Aur Khud Se Juda Hone Bhi Nahi Dete.
बड़ी सादगी से उसने कह दिया रात को सो भी लिया कर
रातों को जागने से मोहब्बत लौट नहीं आती
er kasz
लगाई तो थी आग उनकी तस्वीर में रात को
सुबह देखा तो मेरा दिल छालो से भर गया
er kasz
वो लफ्ज कहां से लाऊं जो तेरे दिल को मोम कर दें;
मेरा वजूद पिघल रहा है तेरी बेरूखी से.
कितने बेबस हैं तेरी चाहत में
तुझे खो कर भी अब तक तेरे हैं
इसी बात ने उसे शक मेँ डाल दिया हो शायद
इतनी मोहब्बत उफ्फ कोई मतलबी ही होगा
मेरी मुस्कराहटें इस कदर जो तुमको चुभ रही है
देख लेना एक दिन रो पड़ोगे मेरी खामोसी जब तुम्हारा इम्तहा लेगी
कभी हंसकर, कभी रोकर, न जाने कब वक्त गुजर गया,
लेकिन तेरी बेरुखी से, ये दिल तड़पकर रह गया
वो भी एक ना एक दिन किसी से बिछड़ जाएगी
तब उसको एहसास होगा की में कितना जरुरी था उसकी ज़िंदगी के लिये
is Simt Bhi Dekhoun, Nazar Aata Hain Kay Tum Ho
Ae Jaan-E-Jahan,Yeh Koi Tumsa Hain Kay Tum Ho
दिल सुलगता है तो धुआं क्यों नहीं उठता
क्यों वो आग अक्सर आसुओं में बह जाती है
अब तो बहुत कम है दर्द मेरे दिल का
सुना है किसी से पूछा था उसने हाल मेरा
